54 साल बाद देश में मॉक ड्रिल! क्या पाकिस्तान से जंग के लिए तैयार हो रहा भारत? मोदी सरकार का बड़ा कदम पाकिस्तान को चेतावनी?

भारत सरकार ने 54 साल बाद एक बार फिर हवाई हमलों से बचाव की मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे 7 मई 2025 को सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) की एक समन्वित मॉक ड्रिल आयोजित करें। ये निर्देश ऐसे समय पर आए हैं जब पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।
1971 के बाद पहली बार हो रही है मॉक ड्रिल
भारत में इस तरह की मॉक ड्रिल पिछली बार 1971 में आयोजित की गई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था। अब 54 साल बाद, बढ़ते सुरक्षा खतरे को देखते हुए एक बार फिर ऐसी तैयारी की जा रही है।
मॉक ड्रिल में शामिल होंगे ये प्रमुख बिंदु:
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मॉक ड्रिल के दौरान निम्नलिखित गतिविधियां की जाएंगी:
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हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे।
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नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि आपात स्थिति में वे जान बचाने के तरीकों को समझ सकें।
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ब्लैकआउट (बत्ती बंद करना) किया जाएगा ताकि दुश्मन को निशाना साधने में कठिनाई हो।
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महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने के उपाय किए जाएंगे।
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लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की योजना का अभ्यास किया जाएगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद हालात तनावपूर्ण
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ माना जा रहा है। इसके बाद से पाकिस्तान लगातार 11 रातों से नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रहा है। भारत ने इसका कड़ा जवाब दिया है और सख्त रुख अपनाया है।
प्रधानमंत्री मोदी की हाईलेवल बैठकें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की, जो आधे घंटे से ज्यादा चली। यह बैठक उनकी एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद हुई। पीएम अब तक थल सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों से अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि “जो लोग भारत पर हमला करते हैं या षड्यंत्र रचते हैं, उन्हें ऐसी सजा मिलेगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते।”
भारत के कूटनीतिक कदम
भारत ने इस बार कूटनीतिक स्तर पर भी कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने:
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1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया है, जो अब तक युद्धकाल में भी नहीं हुआ था।
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भारत में पाकिस्तानी राजनयिक मिशन के स्टाफ की संख्या कम कर दी है।
पाकिस्तान ने इसे युद्ध का संकेत मानते हुए धमकी दी है कि यदि जल प्रवाह रोका गया तो वह शिमला समझौता समेत सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर देगा।
पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति में यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा तंत्र की तैयारियों को परखने का एक जरिया है, बल्कि यह संदेश भी है कि भारत अब हर स्तर पर चौकन्ना है। 1971 के युद्ध के बाद पहली बार हो रही यह मॉक ड्रिल देश की गंभीर सुरक्षा चिंताओं और केंद्र सरकार की सक्रियता को दर्शाती है।